ಶನಿವಾರ, ಸೆಪ್ಟೆಂಬರ್ 22, 2012

मूडुबिदिरॆचॆ म्गालगडॆ वर्तक ऐ.योगीश् प्रभु दैवाधीन

मूडबिद्रॆचॆ म्हालगडॆ आनि प्रसिद्ध जिनसि वर्तक इरुवैलु योगीश् प्रभु(७८) अल्पकालाचॆ  अनारोग्यानि  कल्लबॆट्टु ग्रामाचॆ  गंट्टाल्‌कट्टॆचॆ तांगॆलॆ स्वगृहांतु आल्तांतु दैवाधीन जाल्लॆ म्हॊणु कळोवचाक मस्त विषाध जात्ता. तान्नि बाय्ल, पूतु ख्यात वर्तक ऐ.राघवेंद्र प्रभु  आनि तिग्ग लोक चॆल्लिया चर्डुवांक सोणु घॆल्लिंति.
१९४८ंतु गंटाल्‌कट्टॆंतु आपणांगॆलॆ १६ वर्ष वयांतु जिनसि व्यवहारु सूरु कॆलेलॆ तान्नि १९६४ंतु मूडुबिदिरॆक येव्नु पॆंटाचॆ मध्य भागांतू आपणालॆ वैवाट सूरु कॆल्लॆ.  मूडुबिदिरॆंतू प्रथम जाव्नु  बहुमहडि इमारत् बांदिसिलॆ श्रेय तांगॆलॆ.  ‘योगीशॆर्‍न अंगडि म्हणचॆ तारीपा बरशि व्यवहारांतु आपणालॆ सरळता, शिस्त आनि सज्जनिकेन तान्नि सर्वांलॆ अभिमानाक पात्र जालेलॆ.
मूडुबिदिरॆ श्री वॆंकटरमण आनि श्री हनुमंत देवळाचॆ मॊक्तेसर जाव्नु, जि.ऎस्.बि. सेवा समाजाचॆ सक्रिय पदाधिकारि जाव्नु, इरुवैलु श्री दुर्गापरमेश्वरी देवळाचॆ जीर्णोद्धार समिति अध्यक्ष जाव्नु हे पयलॆ तान्नि अपार सेवा पावय्ला.  कॆदनांयि शुभ्र, श्वेत वस्त्रधारि जाव्नु, धंवॆ टॊप्पि घाल्नु घेव्नु तस्सलॆ दाराळ मनान सामाजिक, धार्मिक रंगाक मस्त सेवा पावय्ल्या.  संघपरिवाराचॆ हित चिंतक जालेलॆ  तान्नि हरि गुरु भक्त जाव्नु आपणांगॆलॆ अपार धार्मिक श्रद्धेन श्री काशी मठ संस्थानाचॆ शिष्यवर्गांतु आप्त म्हॊणु नांव पाव्लिंति.
 शासक कॆ.अभयचंद्र जैन्, माजि सचिव अमरनाथ शॆट्टि, आळ्वास् शिक्षण संस्थॆचॆ अध्यक्ष डा.ऎं.मोहन् आळ्व, बि.जॆ.पि जिल्ला उपाध्यक्ष कॆ.पि.जगदीश अधिकारि, क्षेत्र प्रधान कार्यदर्शि सुदर्शन ऎं,  पुरसभाध्यक्ष रत्नाकर देवाडिग, मूडुबिदिरॆचॆ श्री वॆंकटरमण आनि श्री हनुमंत देवळाचॆ आडळित मॊक्तेसर जि. उमेश् पै, मंगळूरु तालूकु ऎ.पि.ऎं.सि अध्यक्ष कॆ.कृष्णराज हॆग्डॆ  आन्नि इतर प्रमुखानि तांगॆलॆ घर्‍कडॆ वच्चुनु ऐ. योगीश प्रभु तांगॆलॆ अंतिम दर्शन  घेव्नु मस्त संताप व्यक्त कॆल्लॆ. आनि दि॥ प्रभुंगॆलॆ गौरवार्थ प्रमुख जिनसि व्यापारस्थान आपणांगॆलॆ वैवाट बंद् कोर्नु तांका गौरव पावयलॆ.   चित्र:  मूड् ऐ.योगिश् प्रभु

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