ಶುಕ್ರವಾರ, ಜೂನ್ 22, 2012

श्री शांतेरि कामाक्षि देवळ, कुमटा
श्री शांतेरि कामांक्षि रामनाथ लक्ष्मी नारायण देवळ, कुमटा हांगा ता. २२-०४-२०१२ ताकूनु २७-०४-२०१२ पर्यंत श्री देवालॆ सन्निधींतु समस्त महाजनालॆ उत्तरोत्तर कल्याणाभिवृद्धि, श्रेयोभिवृद्धि खात्तिरि श्री संस्थान गोकर्ण पर्तगाळि जीवोत्तम मठाधीश श्रीमद् विद्याधिराज तीर्थ वडेर स्वाम्यांगॆलॆ दिव्य उपस्थिति आनि मार्गदर्शनारि “सहस्रचंडि महायाग  विजृंभणेरि चल्लॆ. तत्संबंध जाव्नु पयलॆ दिवसु देवता प्रार्थना, गुरुपाद पूजा, गणपति पूजन, यमुना पूजा, जपु पारायण, नवग्रह वास्तु हवन, लघुविष्णु हवन, अंशतः सहस्रचंडी हवन, कुमारिका-सुवासिनि पूजन, सुवर्ण मंटपारि श्री लक्ष्मीनारायण देवालॆ प्रसन्न पूजा, शांति पाठ, अष्टावधान सेवा, तेरांतु उत्सवु, वसंत पूजा, प्रसाद वितरण, गुंडिबैल् सत्यनारायण नायक् ताकूनु भजना कार्यक्रम चल्लॆ. दुसरे दिवसु यथा विधि बरशि लघुरुद्र हवन, सुवर्ण मंटपांतु श्री रामनाथ देवालॆ प्रसन्न पूजा, श्री उदय प्रभु आनि संगाति ताकूनु भजना कार्यक्रम चल्लॆ. तीस्रॆ दिवसु यथा विधि बरशि नरसिंह हवन,  सुदर्शन हवन, श्री बेताळ देव दर्शन, श्री वॆंकटरमण देव, श्री मुख्यप्राण देव, श्री महालसा नारायणी देव, श्री कावूर कामाक्षि देवांगॆलॆ आगमन, सर्व देवालॆ प्रसन्न पूजा, श्री वॆंकटरमण देवु आनि श्री मुख्यप्राण शांतेरि देविलॆ नगरोत्सव, इत्यादि कार्यक्रम चल्लॆ. चारि दिवसु यथा विधि बरशि सुवर्ण मंटपांतु श्री कामाक्षि देवालॆ प्रसन्न पूजा, वैकुंठ प्रभु, कुमटा संगाति ताकूनु भजना कार्यक्रम चल्लॆ. पांचा दिवसु यथा विधि बरशि प्रधान पुरुष लिंगाचॆ आधिवास, न्हंवॆ जाव्नु निर्मित देवळाचॆ शुद्धीकरण,सभा कार्यक्रम, प।पू। स्वाम्या ताकूनु आशीर्वचन, रामचंद्र नायक् शिरसि आनि संगाति ताकूनु भजना कार्यक्रम चल्लॆ. अखेरि दिवसु प।पू। स्वाम्यांगॆलॆ दिव्य उपस्थितीरि प्रधान पुरुष लिंगाचॆ प्रतिष्ठापन, बलिप्रधान, सहस्र चंडी यागाचॆ पूर्णाहुति, श्रेयोग्रहण, महा संतर्पण, वैदिक आशीर्वाद ग्रहण, प।पू। स्वाम्यांगॆलॆ ताकूनु आशीर्वचन, फल मंत्राक्षत वितरण, श्री काळबैरव देवालॆ छौकाचॆ मुखारि श्री देवलालॆ अष्टावधान, श्री बेताळदेव दर्शन इत्यादि कार्यक्रम चलेलॆ खब्बर मॆळ्ळा.

श्री रामनाथ शांतेरि कामाक्षि देवळ, भट्कळ
भटकळाचॆ श्री लक्ष्मी नारायण रामनाथ शांतेरि कामाक्षि बॆताळ देवालॆ पुनर् प्रतिष्ठॆचॆ नव्वाचॆ वर्धंति उत्सवु ता. १३-०५-२०१२ दिवसु श्री देवता प्रार्थना, गणपति पूजन, पुण्याहवाचन, ऋत्विजावरण, नवग्रह आनि प्रधान देवता आवाहन, पूजन, शत कलशार्चन, शत कुंभाभिषेक, पंचदुर्गा हवन, महा पूर्णाहुति, महा पूजा, महा मंगळारति, मैदर्शन, वैदिक संभावन, आशीर्वाद ग्रहण, पालंखी उत्सवु, अष्टावधान सेवा, वसंत पूजा, प्रसाद वितरण इत्यादि धार्मिक कार्यावळि बरशि विजृंभणेरि चलेलॆ खब्बर मॆळ्ळा.
श्री सालिग्राम गणेश शॆणैंक सन्मान
दावणगॆरॆंतु घॆलेलॆ अड्डेस दशका ताकूनु कलॆ, साहित्य, संस्कृति संघटनेक कलाकुंच सांस्कृतिक संस्था, यक्षरंग यक्षगान संस्थॊ स्थापन कॆलेलॆ सालिग्राम गणेश शॆणै दंपतिक आल्तांतु प्रतिष्ठित बापूजि आडिटोरियंचॆ व्हड वेदिकेरि चलेलॆ अखिल कर्नाटक ९चॆ सुगम संगीत राज्य सम्मेळनांतु आत्मीय जाव्नु सन्मान कॆल्लॆ. तान्नि “गीतोत्सव-२०१२चॆ यशस्साक कॆलेलॆ वाव्रॊ दॆक्कूनु शॆणैयांगॆलॆ क्रियाशीलतॆक सन्मान कॆल्लॊ. वेदिकेरि उभयगान विशारदॆ विदुषि डा॥ श्यामला जि.भावॆ, कर्नाटक सर्काराचॆ मुख्य सचेतक जालेलॆ डा॥ ऎ.हॆच्. शिवयोगि स्वामि, कन्नड अभिवृद्धि प्राधिकाराचॆ अध्यक्ष मुख्यमंत्रि चंद्रु, प्रख्यात गायकि बि.कॆ.सुमित्र, कर्नाटक सुगम संगीत परिषत्ताचॆ अध्यक्ष वै.कॆ.मुद्दुकृष्ण, म्हाल्गडॆ साहिति डा॥ ऎन्.ऎस्. लक्ष्मीनारायण भट् आदि गण्य उपस्थित आश्शिलॆं. सन्मानित शॆणै दंपतींक दावणगॆरॆचॆ गौड सारस्वत समाज, कलाकुंच सांस्कृतिक संस्थॆ, यक्षरंग यक्षगान संस्थॆ, कर्नाटक राज्य मक्कळ साहित्यवेदिकॆ, श्री गायत्रि परिवार संस्थॆचॆ पदाधिकारिन आनि सर्व सदस्यान अभिनंदन पावय्ला. सरस्वति प्रभा तांका देवु बरॆं कॊरॊ म्हणता.
चित्र, वरदि : सालिग्राम संदीप शॆणै, दावणगॆg.


ಕಾಮೆಂಟ್‌ಗಳಿಲ್ಲ:

ಕಾಮೆಂಟ್‌‌ ಪೋಸ್ಟ್‌ ಮಾಡಿ