ಶನಿವಾರ, ಆಗಸ್ಟ್ 25, 2012

उड्पिंतु ’घर् घर् कॊंकणि ’ कार्यक्रम
“राज्य कॊंकणि साहित्य अकाडॆमिन घाल्नु घॆत्तिलॆ  ’घर् घर् कॊंकणि ’ कार्यक्रम दाकूनु कॊंकणि बांधवांतु परस्पर स्नेह संबंध च्हड जाव्नु, समाजा वयरि सत्परिणाम जात्ता म्हॊणु कर्नाटक राज्य कॊंकणि अकाडॆमि अध्यक्ष कासरगोडु चिन्ना तान्नि सांगलॆ. तान्नि आल्तांतु उडुपिचॆ रंगनाथ शॆणै कांपौंडांतु आस्सुचॆ वे.मू. चेंपि रामचंद्र भट् तांगॆलॆ घरांतु “घर् घर् कॊंकणि कार्यक्रम उद्घाटन कोर्नु उलैताश्शिलॆ. एक वर्षांतु ५२ घरांतु हो कार्यक्रम चल्ता. चर्डुवांक संस्कृति, संस्कार, आचार-विचार खात्तिरि माहिति म्हाल्गाड्यान दिव्का जालेलॆ तांगॆलॆ कर्तव्य जाव्नास्स. त्या खात्तिरि म्हाल्गाड्यान चर्डुंवा बरशि कॊंकणिंतु व्यवहारु कॊर्‍का. मुखारचॆ दिवसांतु घरांतु कॊंकणि साहित्य आनि सांस्कृतिक कार्यावळि चलोवचाक उत्साह आश्शिलॆ समाजाचॆ कलाविदानि अकाडॆमिक संपर्क कॊरयेत. म्हळ्ळिंति.
अकाडॆमि सदस्य जालेलॆ ओं गणेश् उलोव्नु “स्थळीक कॊंकणि प्रतिभॆंक हुजवाडाक हाडचांतु अस्सलॆ कार्यक्रम अगत्य म्हळ्ळिंति. अकाडॆमि रजिस्ट्रार्  डा.देवदास पै, सदस्य श्री अशोक शेठ्, नगरसभा सदस्य श्यांप्रसाद् कुड्वा, उद्यमि प्रकाश् शॆणै, सुरेश् नायक्, शशिभूषण् किणि, विवेकानंद शॆणै, डा.दामोदर पै, वकील लक्ष्मण् शॆणै , पत्रकर्त मनोहर प्रसाद् उपस्थित आश्शिलॆं. हे  संदभारि पल्लवि, अदिति, अवनि, निधि, पृथ्वीश तांगॆ दाकूनु काणि, राका भट्, रम्या, स्नेहा भट्, वीणा कामत्, प्रतिमा प्रभु दाकूनु गान, पद, काव्य, रमेश् भट्, हरिप्रसाद् भंडार्कर् दाकूनु ल्हान नाट्कुळि सहित विविध मनोरंजना कार्यावळि घडलॆ. तब्लांतु सत्य विजय भट् तश्शीचि हार्मोनियंतु प्रसाद् कामत् तान्नि साथ दिल्लि. चेंपि रामचंद्र भट् माम्मानि स्वागत कॆल्लि.  पृथ्वीश् कामत् तान्नि कार्यक्रम निरूपण कॆल्लॆ. कडेरि  रामचंद्र भट् तान्नि आभार मानलॆ.


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