शृंगेरि हॆब्बागिलु श्री लक्ष्मीवॆंकटरमण देवालॆ पुनः प्रतिष्ठा
‘‘सुसंस्कृत तश्शीचि आचारवंत समाज जाव्नाश्शिलॆ गौड सारस्वत ब्राह्मण समुदायाचॆ शृंगेरि बांधवानि निर्माण कॆलेलॆ हे देवळा निमित्त गांवांतु संस्कृति आनि धार्मिक मनो भावन वृद्धि जात्ता म्हॊणु गोकर्ण पर्तगाळि मठाधीश श्री विद्याधिराज तीर्थ श्रीपाद वडेर स्वाम्यांनि सांगलॆ. तान्नि शृंगेरिचॆ जि.ऎस्.बि. समाजाचान नवीन जाव्नु निर्माण कॆलेलॆ हॆब्टागिलु श्री लक्ष्मी वॆंकटरमण स्वामि देवळाचॆ पुनः प्रतिष्ठापना विधि चलैल मागिरि आयोजित सभा कार्यक्रमांतु आशीर्वचन दीव्नु उलैताश्शिलॆं.
“आम्मि जॊळ्ळिलॆ मुनापेचॆ एक वांटॊ दान-धर्म, समाज सेवा आनि देवता कार्याक वापुर्का, मनुष्य जाव्नु आम्मि कॊरचॆ चांग काम सगळॆ समाजाक भूषणप्राय जात्ता. हे देवळाचॆ काम चांग जाल्ला म्हॊणु तान्नि श्लाघन कॆल्लि. सॊयरॆ जालेलॆ श्री कॆ. नरसिंह नायक्, जीणोद्दाराक दान दिलेलॆ उद्यमि कोटेश्वर जनार्धन भट् तान्नि संदर्भोचित जाव्नु उलैलॆ. देवळाचॆ निर्माणांतु सहकार दिलेलॆ विन्यासकार सि.वि.कामत् आनि चर्डुवांक, कल्कट्टॆ सॆल्वराज्, ऎं. मदनगोपाल, गिरीश् आनि लंबूराम हांका स्वाम्यानि स्मरणिका, फलमंत्राक्षत दीव्नु आशीर्वाद कॆल्लॆ. आडळित मंडळि अध्यक्ष पुरुषोत्तम कामत्, नरसिंह पंडित्, प्रभाकर नायक् तश्शिचि गोकुलदास नायक् वेदिकॆरि आश्शिलॆं. प्रकाश् भट् प्रास्ताविक जाव्नु उलैलींति. वेणुमाधव नायक् तान्नि कार्यक्रम निर्वहण कॆल्यारि गोकुलदास् तान्नि आबार मानलॆ.
पुनःप्रतिष्ठा कार्यक्रम ता. १३-०४-२०१२ ताकूनु १६-४-२०१२ पर्यंत प्रतिष्ठापन जावचॆ नवीन मूर्तिचॆ भव्य मॆरवणिगा, प।पू। स्वाम्यांगॆलॆ आगमन, तांका पूर्णकुंभ बरोबरि स्वागत, गुरुपाद्यपूजा, भजन, राक्षॆघ्न होमु, देवता प्रार्थन, देवनांदि, नवग्रह वास्तु हवन, श्री देवालॆ नवीन शिलामूर्ति आनि शिखर कलश सप्ताधिवास, प्रासाद शुद्धि, आधिवासांग हवन, शतकलशार्चन, ता. १५-०४-२०१२ दिवसु श्रीमद् विद्याधिराज तीर्थ स्वाम्यांगॆलॆ अमृत हस्तानि श्री लक्ष्मीवॆंकटरमण देवालॆ नवीन शिला विग्रह प्रतिष्ठापन, शिखर कलश प्रतिष्ठापन, शतकुंभाभिषेक, प्रसन्नपूजा, प्रतिष्ठांग हवन, आवाहित देवता बलि प्रधान, महा पूर्णाहुति, श्रेयो ग्रहण, महा पूजा, महा मंगळारति, महा अन्नसंतर्पण, ब्राह्मण संभावन, आशीर्वाद ग्रहण, देवालॆ पाल्कि उत्सवु, प।पू। स्वाम्यांक तांगॆलॆ मुखारचॆ मॊक्कामाक शुभ विदाय इत्यादि धार्मिक कार्यक्रम चलेलॆ खब्बर मॆळ्ळा. गांव्चॆ, विंगविंगड गांव्चॆ अपार भक्तवृंद आनि समाज बांधव हे संदर्भारि उपस्थित व्हरलेलॆ.
“आम्मि जॊळ्ळिलॆ मुनापेचॆ एक वांटॊ दान-धर्म, समाज सेवा आनि देवता कार्याक वापुर्का, मनुष्य जाव्नु आम्मि कॊरचॆ चांग काम सगळॆ समाजाक भूषणप्राय जात्ता. हे देवळाचॆ काम चांग जाल्ला म्हॊणु तान्नि श्लाघन कॆल्लि. सॊयरॆ जालेलॆ श्री कॆ. नरसिंह नायक्, जीणोद्दाराक दान दिलेलॆ उद्यमि कोटेश्वर जनार्धन भट् तान्नि संदर्भोचित जाव्नु उलैलॆ. देवळाचॆ निर्माणांतु सहकार दिलेलॆ विन्यासकार सि.वि.कामत् आनि चर्डुवांक, कल्कट्टॆ सॆल्वराज्, ऎं. मदनगोपाल, गिरीश् आनि लंबूराम हांका स्वाम्यानि स्मरणिका, फलमंत्राक्षत दीव्नु आशीर्वाद कॆल्लॆ. आडळित मंडळि अध्यक्ष पुरुषोत्तम कामत्, नरसिंह पंडित्, प्रभाकर नायक् तश्शिचि गोकुलदास नायक् वेदिकॆरि आश्शिलॆं. प्रकाश् भट् प्रास्ताविक जाव्नु उलैलींति. वेणुमाधव नायक् तान्नि कार्यक्रम निर्वहण कॆल्यारि गोकुलदास् तान्नि आबार मानलॆ.
पुनःप्रतिष्ठा कार्यक्रम ता. १३-०४-२०१२ ताकूनु १६-४-२०१२ पर्यंत प्रतिष्ठापन जावचॆ नवीन मूर्तिचॆ भव्य मॆरवणिगा, प।पू। स्वाम्यांगॆलॆ आगमन, तांका पूर्णकुंभ बरोबरि स्वागत, गुरुपाद्यपूजा, भजन, राक्षॆघ्न होमु, देवता प्रार्थन, देवनांदि, नवग्रह वास्तु हवन, श्री देवालॆ नवीन शिलामूर्ति आनि शिखर कलश सप्ताधिवास, प्रासाद शुद्धि, आधिवासांग हवन, शतकलशार्चन, ता. १५-०४-२०१२ दिवसु श्रीमद् विद्याधिराज तीर्थ स्वाम्यांगॆलॆ अमृत हस्तानि श्री लक्ष्मीवॆंकटरमण देवालॆ नवीन शिला विग्रह प्रतिष्ठापन, शिखर कलश प्रतिष्ठापन, शतकुंभाभिषेक, प्रसन्नपूजा, प्रतिष्ठांग हवन, आवाहित देवता बलि प्रधान, महा पूर्णाहुति, श्रेयो ग्रहण, महा पूजा, महा मंगळारति, महा अन्नसंतर्पण, ब्राह्मण संभावन, आशीर्वाद ग्रहण, देवालॆ पाल्कि उत्सवु, प।पू। स्वाम्यांक तांगॆलॆ मुखारचॆ मॊक्कामाक शुभ विदाय इत्यादि धार्मिक कार्यक्रम चलेलॆ खब्बर मॆळ्ळा. गांव्चॆ, विंगविंगड गांव्चॆ अपार भक्तवृंद आनि समाज बांधव हे संदर्भारि उपस्थित व्हरलेलॆ.
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