श्री वॆंकटरमण देवळ, मूडबिदरॆ
मूडबिदरॆ श्री वॆंकटरमण आनि श्री हनुमंत देवळांतु पूर्ति शिलामय जाव्नु नवीकरण जालेलॆ गर्भगृहांतु अष्टबंध सहित श्री हनुमंत देवालॆ शिलाबिंबाचॆ पुनः प्रतिष्ठा महोत्सवु श्री काशीमठाचॆ श्रीमद् संयमींद्र तीर्थ स्वाम्यांगॆलॆ दिव्य करकमलानि ता. २३-४-१४ दिवसु विजृंभणेरि चल्लॆ. तत्संबंध ता. २०-४-१४ दाकूनु २४-४-१४ पर्यंत प्रार्थना, गणोमु, पवमान सूक्त पारायण, भजन, अंकुरारोपण, राक्षॆघ्न हवन, दिक्पाल बलि, ध्वजारोहण, वास्तु, नवग्रह हवन, प्रायश्चत्त होमु, ‘हॊरॆ काणिकॆ मॆरवणिगॆ, प्रासाद शुद्धि, शिखर कलशाधिवास, बिंब शुद्धि, बिंब आधिवास पूजन, विशेष वायुस्तुति हवन, श्री हनुमंत देवाक रात्तिक शय्याधिवास पूजन, २३-४क प।पू। स्वाम्यांगॆलॆ शुभागमन जाल्ल उपरांत प्रतिष्ठा मूर्ता पूर्वांग द्वारपूजन, प।पू। स्वाम्यांगॆलॆ दिव्य करकमलानि श्री हनुमंत देवालॆ बिंबाचॆ अष्टबंध पुनः प्रतिष्ठॆ, प्रतिष्ठा कलशाभिषेक, शिखर कलश प्रतिष्ठा, प्रतिष्ठोत्तर प्रसन्न पूजन, पट्ट काणिका, गुरु काणिका, धा समस्तांक प्रसाद वितरण, प।पू। स्वाम्यांगॆलॆ पाद्यपूजन, गुरुवर्या थाकूनु आशीर्वचन, दंपति पूजन, ब्राह्मण पूजन, सुवासिनि पूजन, आशीर्वाद, श्री रामसंकीर्तन, विशेष रंगपूजन, सपरिवार श्री रामचंद्र देवालॆ आराधन, श्री राममंत्र हवन, हनुमंत मंत्र हवन, इत्यादि कार्यक्रम चलेलॆ खब्बर मॆळ्ळा. सांस्कृतिक कार्यावळि जाव्नु हरिगुरु संकीर्तना मणिपाल थाकूनु भजन, कु. शांभवि आनि कु. वैभवि हांगॆ थाकूनु ‘परम पावन श्रीराम हरिकथा कालक्षेप, रंजित नायक् उडुपि थाकूनु बान्सुरि वादन, किरण् कामत्, मुंबै थाकूनु भजन् संध्या, यक्ष सारस्वत (रि) मूडुबिदरॆ दाकूनु श्री कृष्ण लीलामृत कॊंकणि यक्षगान संभाषण, समारोप समारंभ आनि बालचंद्रन् आनि पंग्डा तरपेन ‘भक्ति भावगीता. इत्यादि कार्यक्रम चल्लॆ,. गांव्चॆ, परगांव्चॆ अपार लोक हे वेळ्यारि उपस्थित आस्सूनु हरि-गुरु कृपेक पात्र जाल्लॆं.
मूडबिदरॆ श्री वॆंकटरमण आनि श्री हनुमंत देवळांतु पूर्ति शिलामय जाव्नु नवीकरण जालेलॆ गर्भगृहांतु अष्टबंध सहित श्री हनुमंत देवालॆ शिलाबिंबाचॆ पुनः प्रतिष्ठा महोत्सवु श्री काशीमठाचॆ श्रीमद् संयमींद्र तीर्थ स्वाम्यांगॆलॆ दिव्य करकमलानि ता. २३-४-१४ दिवसु विजृंभणेरि चल्लॆ. तत्संबंध ता. २०-४-१४ दाकूनु २४-४-१४ पर्यंत प्रार्थना, गणोमु, पवमान सूक्त पारायण, भजन, अंकुरारोपण, राक्षॆघ्न हवन, दिक्पाल बलि, ध्वजारोहण, वास्तु, नवग्रह हवन, प्रायश्चत्त होमु, ‘हॊरॆ काणिकॆ मॆरवणिगॆ, प्रासाद शुद्धि, शिखर कलशाधिवास, बिंब शुद्धि, बिंब आधिवास पूजन, विशेष वायुस्तुति हवन, श्री हनुमंत देवाक रात्तिक शय्याधिवास पूजन, २३-४क प।पू। स्वाम्यांगॆलॆ शुभागमन जाल्ल उपरांत प्रतिष्ठा मूर्ता पूर्वांग द्वारपूजन, प।पू। स्वाम्यांगॆलॆ दिव्य करकमलानि श्री हनुमंत देवालॆ बिंबाचॆ अष्टबंध पुनः प्रतिष्ठॆ, प्रतिष्ठा कलशाभिषेक, शिखर कलश प्रतिष्ठा, प्रतिष्ठोत्तर प्रसन्न पूजन, पट्ट काणिका, गुरु काणिका, धा समस्तांक प्रसाद वितरण, प।पू। स्वाम्यांगॆलॆ पाद्यपूजन, गुरुवर्या थाकूनु आशीर्वचन, दंपति पूजन, ब्राह्मण पूजन, सुवासिनि पूजन, आशीर्वाद, श्री रामसंकीर्तन, विशेष रंगपूजन, सपरिवार श्री रामचंद्र देवालॆ आराधन, श्री राममंत्र हवन, हनुमंत मंत्र हवन, इत्यादि कार्यक्रम चलेलॆ खब्बर मॆळ्ळा. सांस्कृतिक कार्यावळि जाव्नु हरिगुरु संकीर्तना मणिपाल थाकूनु भजन, कु. शांभवि आनि कु. वैभवि हांगॆ थाकूनु ‘परम पावन श्रीराम हरिकथा कालक्षेप, रंजित नायक् उडुपि थाकूनु बान्सुरि वादन, किरण् कामत्, मुंबै थाकूनु भजन् संध्या, यक्ष सारस्वत (रि) मूडुबिदरॆ दाकूनु श्री कृष्ण लीलामृत कॊंकणि यक्षगान संभाषण, समारोप समारंभ आनि बालचंद्रन् आनि पंग्डा तरपेन ‘भक्ति भावगीता. इत्यादि कार्यक्रम चल्लॆ,. गांव्चॆ, परगांव्चॆ अपार लोक हे वेळ्यारि उपस्थित आस्सूनु हरि-गुरु कृपेक पात्र जाल्लॆं.
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