मुल्किंतु “महा विष्णु याग
श्री विजयेंद्र तीर्थ स्वाम्यांगॆलॆ दिव्य करकमलानि प्रतिष्ठापन जालेलॆ मूल्कि श्री उग्र नरसिंह देवु सगळॆ गौड सारस्वत समाजाक आनि विंगड समाजा बांदवांक सैत म्होगाचॆ इष्ट देवु जाव्नु अनुग्रह कर्ता मुल्किचॆ श्री वॆंकटरमण देवळांतु विराजमान जाल्ला., “उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलंतं सर्वतोमुखं नृसिंहं बीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं समाम्यहं॥ नृसिंह अनुष्टम् मंत्राचॆ हे श्लोकांतु ‘नरसिंह देवाक मृत्युचॊ मृत्यु म्हॊणु श्री मध्वाचार्यानि सांगला. मरण जिक्चॆ वर दिव्चॆ ब्रह्माक सृष्टि कॆलेलॆ भगवंत दाकूनु हत जालेलॊ हिरण्यकशिपाक चिर्चॆ मूर्ति हे नरसिंह देवालॆ.श्री देवळाचॆ भजक-भक्तालॆ श्रेयोभिवृद्धि आनि सद$ देवालॆ अनुग्रह खात्तिरि विशेष जाव्नु १४ नरसिंह मंत्र हवन घॆलेलॆ सबार मैन्याचॆ स्वाति नक्षत्राचॆ पर्वकालांतु श्री देवळांतु चलैला. हे विशेष अनुष्ठानाचॆ मंगलाचरणॆ जाव्नु श्री देवालॆ अज्ञानुसार तश्शिचि श्रीकाशीमठाधीश श्रीमद् सुधींद्र तीर्थ स्वाम्यांगॆलॆ तश्शिचि तांगॆलॆ पट्टशिष्य श्रीमद् संयमींद्र तीर्थ स्वाम्यांगॆलॆ शुभाशीर्वादु घेव्नु दिनांक. ३०-०१-२०१३ दाकूनु ३-२-२०१३ पर्यंत श्री देवळांतु श्री महा विष्णु याग विजृंभणेरि संपन्न जाल्लॆ. तत्संबंध दिनांक. २६-०१-२०१३क प्रार्थन, महासुदर्शन हवन, अण्णप्प दैव तश्शिचि गुळिग दैवांक नवक प्रधान हवन आनि सेवा, दिनांक. २७/१क महालक्ष्मी, मुख्यप्राण, गरुड, गणपति परिवार देवाक विशेष हवन आनि सेवा, हुब्बळ्ळिचॆ वे।मू। डा॥ पवन भट् हान्नि चलोनु दिलेलॆ भागवत सप्ताचॆ सुरुवात, रात्तिक देवालॆ पेटॆ सवारि चल्लॆ. २८/१क भागवत सप्तांतु श्रीमद् वराह वैभव, कपिलोपदेश प्रस्तुत कॆल्लॆ.२९/१क प्रार्थन, उग्राण मूर्तु, द्वादश नारीकेळात्मक गणहोमु, मृत्तिका हरण, श्रीमद् संयमींद्र तीर्थ स्वाम्यांगॆलॆ शुभागमन, आनि महा विष्णु यागाचॆ महाप्रार्थन, अंकुरारोहण, राक्षॆघ्न हवन, बलिप्रधान चल्लॆ. ३०/१क महाविष्णुयागाचॆ प्रार्थन, महा संकल्प, ध्वजारोहण, कल्पोक्त प्रधान देवता पूजन, कुंड संस्कार पूर्वक अग्नि प्रतिष्ठापन वास्तु हवन, सानिध्य मंत्र हवन, महा विष्णु यागांग संख्यापूर्ति पवमान हवन, हरे राम कृष्ण मिळित जप यज्ञ पुस्तक पूजन, भूरि समाराधन, शांति पाठ इत्यादि कार्यक्रम चल्लॆ. ३१/१क रक्षत्रय होमु, महा नैवेध्य, गो पूजा, गुरु पूजा, चल्लॆ. ०१/२क यथाविधि बरोबरि स्वस्ति पुण्याहवाचन, मूलमंत्र हवन, बिंदु माधव देवालॆ मंत्रहवन, चल्लॆ. २/२क यथाविधि बरशि वॆंकटेश मंत्र हवन, शांति पाठ चल्लॆ. कडेरचॆ दिवसु ३-२-२०१३क नजरु काणिका, लिखित जपयज्ञ पुस्तक शोभायात्रा, महा प्रार्थन, यज्ञ मंटपाक श्री देवालॆ शुभागमन, सानिध्यमंत्र हवन, नरसिंह मंत्र हवन, महाविष्णु यागांग संख्यापूर्ति पवमान हवन, हरे राम कृष्ण महा मंत्र लिखित जप यज्ञ, पुस्तक विशेष पूजा आनि समर्पण, बलि प्रधान, महा पूर्णाहुति, यज्ञांतु मंगळारति, श्रेयोग्रहण, रक्षा धारण, ध्वज अवरोहण, यज्ञ विसर्जन, महा नैवेद्य, दर्शन सेवा, गो, ब्राहण, दंपति पूजा, भूरि समाराधन, रात्रि पूजा, दीपाराधन, सान रथोत्सवु, नित्योत्सवु, भंडिगरुडोत्सवु, वसंत पूजा इत्यादि धार्मिक कार्यक्रम चलेलॆ खब्बर मॆळ्ळा.
शुभ विवाह
वंड्सॆ श्रीमति शकुंतळ हरिदास् नायक् हांगॆलॆं नात्तु चि॥ लक्ष्मण(अतीश्) (श्रीमति सुजात आनि श्री दामोदर नायक् कॊप्प हांगॆलॆ पूतु) आनि चि॥सौ॥ मेघ(श्रीमति ज्योति आनि श्री वामन प्रभु, शिवमॊग्ग हांगॆलिं धूव) हांगॆलॆ लग्न ता. १५-०२-२०१३ दिवसु कॊप्प -बाळगडि ऎं.ऎस्.देवेगौड स्मारक ऒक्कलिगर समुदाय भवनांतु विजृंभणेरि चल्लॆ.
चि॥रा॥ संतोष वि (श्रीमति शांतबायि श्री आर्. विश्वनाथ कामत्, हॊटेल् स्वागत्, दावणगॆरॆ हांगॆलॊ पूतु) आनि चि॥ सौ॥ देवि(भट्कळ ॥ शिरालि वासि श्रीमति अप्पु श्री नागप्प हांगॆलॆ धूव) हांगॆलॆ लग्न ता. २०-२-२०१३ दिवसु शिरालि वॆंकटापुराचॆ श्री लक्ष्मी वॆंकटेश्वर देवळांतु विजृंभणेरि चल्लॆ. आनि गर्भरोहण प्रयुक्त श्री सत्यनारायण पूजा, संतोषकूट ता. २२-०२-२०१३ दिवसु व्हरॆतालॆ स्वगृह हॊटेल् स्वागत्, दावणगॆरॆ हांगा चलेलॆ खब्बर मॆळ्ळा. दॊन्नी व्हरॆतु-व्हकळ्यांक “सरस्वति प्रभा तरपेन देवु बरॆं कॊरॊं म्हणता.
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