ಗುರುವಾರ, ಏಪ್ರಿಲ್ 5, 2012

15-04-2012 Saraswati Prabha

सरस्वति प्रभा १५ ऎप्रिल् २०१२चॆ विशेष
* मॆगेलॆ उत्रांतु “आम्मि पोर् घाल्नु घॆत्तिलॆ टिकेट्?.  * शिवमॊग्ग श्री लक्ष्मी वॆंकटरमण देवालॆ प्रतिष्ठॆचॆ विशेष पोटॊ. * हिंदूस्थानांतु आस्सुचॆ “ज्योतिर्लिंग हाज्जॆ दुसरॆ भाग. * प्राप्ति धारवाहिचॆ १५ कंतु. * मैन्या काणि “निडलारि बरॆयिलॆ हाज्जॆ दॊन्निचॆ आनि टंतिम भाग. * श्रीमति जयश्री नायक् ऎक्कंबि हान्नि बरॆयिलॆ “एकांभेश्वरलॆ महिमा लेखनाचॆ अंतिम भाग. खाण-जवणांतु “विंग विंगड नमून्या भात्. * हांग्यो ऐस् क्रीमाचॆ  दॊन्नि घटक लोकार्पण हाज्जॆ चित्र वरदि. * दुस्र दुस्रॆ समाज बांधवालॆ घरांतु घडिलॆ शुभ विवाह आनि मूंजि खब्बर.. * श्रीमति जयलक्ष्मी देशपांडॆ हान्नि बरॆयिलॆ “खानदानी पद घरा वक्दंतु शेंगा, आंबॊ, मीट, मीर्‍याकण, सॊन्नार्लिंग्,  कॊत्तंबरि पाल्लॊ, आनि उडिदु हाज्जॆ माहिति. * हुब्बळ्ळिचॆ कण्णन् श्री रामदास श्यानभाग श्रीमति कलावति कामत् हान्नि बरॆयिलॆ व्यक्तिचित्र.   * पट्टाभि रामचंद्र देवळ, बार्कूरु, श्री वॆंकटरमण देवळ, बॆंगळूरु, अंकोलॆचॆ श्री ऎन्.बि.कामत्तांक सन्मानु, चप्पर श्री आंजनेय देवळ, शृंगेरि, श्री नागेश अण्वेकरांगॆलॆ कॊंकणि यक्षगान प्रसंग हस्तप्रति लोकार्पण,  वैवाहिक माहिति, डा॥ टि.ऎं.ऎ.पै प्रतिष्ठान मणिपाल, विश्व कॊंकणि केंद्र मंगळूरु, कुंदापुरांतु “कवनामृत कविगोष्ठि, जि.ऎस्.बि. इन्फो मीडिया,  विद्याधिराज जीवोत्तम प्रशस्ति,  दैवज्ञ स्वाम्यांगॆलॆ चातुर्मासु धार्‍वाडांतु, लिपि विवाद परिहाराक जागतिक सभा, श्री महाविष्णु देवळ शिरसि, श्री मारुति देवळ, मळगि, श्री महालसा नारायणी देवळ, कुमटा, गौड सारस्वत ब्राह्मण समाज, धारवाड, श्री दुर्गा हॊन्नम्म देवळ, सिद्दापूर, श्री चित्रापुर मठ संस्थान, शिरालि, श्री महालसा नारायणी देविक्षेत्र, हरिखंडिगॆ, निवेदिता शिशु मंदिर, गंगॊळ्ळि, श्री काशीमठ वॆंकटरमण देवळ, हुब्बळ्ळि, माविन कुर्वॆ श्री गोपालकृष्ण देवळ, श्री मुख्यप्राण लक्ष्मी वॆंकटरमण देवळ, मॊलकोडु, श्री वॆंकटरमण देवळ, अंकोल, श्री राममंदिर हॊन्नावर हांगा चलेलॆ कार्यक्रमांचॆ खब्बर. * श्री विष्णु कामत् कटपाडि हान्नि बरॆयिलॆ “तान आनि फ्याशन् * दुःखाश्रु,  * गोंय्चॆ मुख्यमंत्रि श्री मनोहर परीकर (परिचय लेखन), * ल्हान वयांतु व्हड साधन कॆलेलॆ कु॥ संगीता सुरेंद्र पालनकर इत्यादि सबार माहिति तुमगेलॆ खात्तिरि.
प्राकाशि जावचॆ दिनांक. १५ -०४-२०१२, चुकनाशि वाज्जिया.

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